विनम्र दास अपने प्रमुख साथी द्वारा तीव्र दर्द और आनंद का अनुभव करता है, जो उसे रस्सियों और जंजीरों से बांधकर एक मंद रोशनी वाले कमरे में ले जाता है। वह उसके शरीर पर थप्पड़ और मुक्के मारना शुरू कर देता है, जिससे वह दर्द से कराहने लगती है और छटपटाने लगती है।